Indicators on shiv chalisa lyricsl You Should Know
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दिवाली से पहले बन रहा गुरु पुष्य योग, जानें सबसे अच्छा क्यों है?
दानिन महं तुम सम कोउ नाहीं। सेवक स्तुति करत सदाहीं॥
लोकनाथं, शोक – शूल – निर्मूलिनं, शूलिनं मोह – तम – भूरि – भानुं ।
त्रिपुरासुर सन युद्ध मचाई। सबहिं कृपा कर लीन बचाई॥
श्री गणेश गिरिजा सुवन, मंगल मूल सुजान।
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जय गिरिजा पति दीन दयाला। सदा करत सन्तन प्रतिपाला॥
दानिन महँ तुम सम कोउ नाहीं। सेवक स्तुति करत सदाहीं॥
. शिव चालीसा लिरिक्स के सरल शब्दों से भगवान शिव को आसानी से प्रसन्न होते हैं
जय सन्तोषी मात अनूपम। Shiv chaisa शान्ति दायिनी रूप मनोरम॥ सुन्दर वरण चतुर्भुज रूपा। वेश मनोहर ललित अनुपा॥
अंग गौर शिर गंग बहाये। मुण्डमाल तन छार लगाये॥
कहे अयोध्या आस तुम्हारी। जानि सकल दुःख हरहु हमारी॥
धन निर्धन को देत सदाहीं। जो कोई जांचे वो फल पाहीं॥
येहि अवसर मोहि आन उबारो ॥ लै त्रिशूल शत्रुन को shiv chalisa in hindi मारो ।